| 1. | महाराज! समय की सब उलटी गति है-क्या कीजिएगा?
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| 2. | कारण मनुष्य के अनुबंध ज्ञान की उलटी गति है।
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| 3. | की सब उलटी गति है-क्या कीजिएगा?
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| 4. | प्रकार के भेद का कारण मनुष्य के अनुबंध ज्ञान की उलटी गति है।
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| 5. | उसी प्रकार गतिमान पृथ्वी पर से स्थिर नक्षत्र भी उलटी गति से जाते हुए दिखाई देते हैं।)
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| 6. | उसी प्रकार गतिमान पृथ्वी पर से स्थिर नक्षत्र भी उलटी गति से जाते हुए दिखाई देते हैं।”
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| 7. | उसी प्रकार गतिमान पृथ्वी पर से स्थिर नक्षत्र भी उलटी गति से जाते हुए दिखाई देते हैं।”
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| 8. | उसी प्रकार गतिमान पृथ्वी पर से स्थिर नक्षत्र भी उलटी गति से जाते हुए दिखाई देते हैं।)
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| 9. | उसी प्रकार गतिमान पृथ्वी पर से स्थिर नक्षत्र भी उलटी गति से जाते हुए दिखाई देते हैं।
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| 10. | महाराज! समय की सब उलटी गति है-क्या कीजिएगा? राक्षस: हाँ तब क्या हुआ? विरा ध.:
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